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Wednesday, April 30, 2025
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Bodhgaya: महाबोधि महाविहार मुक्ति आमरण अनशन आंदोलन का 11 वां दिन, भारतीय राष्ट्रीय पार्टी ने दिया समर्थन, यूपी, बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र से समर्थन में पहुंचे हजारों लोग

बोधगया, 22 फरवरी 2025: बोधगया स्थित भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त करने के लिए चल रहे बौद्ध भिक्षुओं के आमरण अनशन आंदोलन का 11 वां दिन शुरू हो गया है, लेकिन बिहार सरकार और केंद्र सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही है और भिक्षुओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। बौद्ध मंदिर को बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की मांग पूरी न होने के कारण भारत की छवि विश्व स्तर पर खराब हो रही है। अभी तक सरकार ने महाबोधि महाविहार बुद्ध विहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त कर बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया है। बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के द्वारा लगातार आंदोलनकारियों के खिलाफ षडयंत्र किए जा रहे हैं। आज पुनः कमेटी के द्वारा इशारे पर आंदोलन स्थल के सामने फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी कर दी गई। डॉ विलास खरात ने बताया कि जब आंदोलनकारियों ने गाड़ी हटाने को कहा तो गाड़ी ड्राइवर कहने लगा की महंत से बात करिए उसने ही कड़ी करवाई है।

महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डॉ विलास खरात ने हमें बताया कि आमरण अनशन आंदोलन को समर्थन देने हजारों लोग आंदोलन स्थल पहुंच रहे हैं और विभिन्न माध्यमों से आंदोलन को देश के करोड़ों लोगों का समर्थन मिल रहा है। डॉ विलास खरात ने बताया कि 2 दिन पहले आंदोलन को दबाने के लिए कमिटी के ब्राह्मण महंत के लोगों के द्वारा आंदोलन स्थल के सामने जानबूझकर फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी कर दी गई थी ताकि देश, दुनिया के लोगों को पता न चले, आज फिर से ब्राह्मण महंत के लोगों के द्वारा वही हरकत की गई और फायर ब्रिगेड की गाड़ी को दोबारा आंदोलन स्थल के सामने खड़ा कर दिया गया।

भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के आरपी मौर्य ने किया समर्थन, ओबीसी एससी एसटी से बड़ी संख्या में पहुंचने का किया आवाहन

कल राजद विधायक सतीश दास आंदोलन को समर्थन करने पहुंचे थे और उन्होंने सरकार से महाबोधि महाबिहार गैर बौद्धों के कब्जे से मुक्त कर बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की बात कही थी। आज भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष आरपी मौर्य के द्वारा आंदोलन को समर्थन किया गया और लोगों से आवाहन किया गया कि वह हजारों की संख्या में आंदोलन स्थल पर पहुंचें और महाबोधि महाविहार को ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त करने के लिए लड़ाई लड़ें। आरपी मौर्य ने हमें बताया कि सभी पिछड़े दलित आदिवासी 90% समाज के लोग भगवान बुद्ध में आस्था रखते हैं और यह स्थान हमारी आस्था का केंद्र है इसलिए इसे तुरंत बौद्ध भिक्षुओं को सौंपना चाहिए, पिछड़े दलित आदिवासियों बौद्धों की आस्था के स्थल पर ब्राह्मणों का क्या काम है।
भारतीय राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष आरपी मौर्य ने मांग की कि बिहार सरकार तुरंत बोधगया टेंपल एक्ट 1949 को निरस्त कर नया एक्ट बनाए और महाबोधि महाविहार कमेटी में केवल बौद्ध भिक्षुओं को सदस्य बनाया जाए, दूसरे धर्म के पुरोहितों को तुरंत बाहर किया जाए और मैनेजमेंट कमेटी के सभी सदस्य भी बौद्ध बनाए जाएं।

महाराष्ट्र से भिक्षु भदंत ज्ञानज्योति महाथेरा सैकड़ो भिक्षुओं के साथ आंदोलन को समर्थन करने पहुंचे

महाराष्ट्र से भिक्षु ज्ञानज्योति महाथेरा सैकड़ों की संख्या में भिक्षुओं के साथ आंदोलन को समर्थन करने पहुंचे और उन्होंने कहा कि यह महाविहार बौद्धों की अमूल्य धरोहर है इस पर किसी गैरबौद्ध का कब्जा जायज नहीं है, उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की बीटी एक्ट 1949 को तुरंत खत्म कर महाबिहार बौद्ध भिक्षुओं को सौंप दे और वहां पर रह रहे गैरबौद्धों को तुरंत बाहर करे।

गोरखनाथ परंपरा के योगी सूरज नाथ ने किया आंदोलन का समर्थन

गोरखनाथ परंपरा की प्रसिद्ध योगी सूरज नाथ के द्वारा महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन का समर्थन किया गया। सूरज नाथ ने एक संदेश जारी कर कहा कि भारत भूमि बुद्ध, सिद्ध और नाथ परंपरा की भूमि है, भारत भूमि का वैदिक पौराणिक परंपरा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा की महाबोधि महाबिहार मुक्ति आंदोलन को वह अपना पूरा समर्थन देते हैं और महाबोधि महाविहार एक्ट बनाकर बौद्ध भिक्षुओं को उसमें शत प्रतिशत स्थान सुनिश्चित करने का समर्थन करते हैं।

महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार, तेलंगाना से हजारों लोग समर्थन करने पहुंचे

डॉ विलास खरात ने बताया कि संपूर्ण भारत के ओबीसी एससी एसटी समाज के लोग मूल बौद्ध हैं और आज भी बौद्ध हैं और इसी को देखते हुए पूरे देश में पिछड़े दलित आदिवासियों का व्यापक समर्थन इस आंदोलन को मिल रहा है। महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में लोग आंदोलन का समर्थन करने पहुंच रहे हैं और कल आंदोलन को समर्थन करने हजारों की संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग पहुंचे और उन्होंने महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त कर बौद्ध भिक्षुओं को सौंपने की बात कही। आज बड़ी संख्या में तेलंगाना के लोग आंदोलन स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं और महाबोधि महाविहार को ब्राह्मण महंत के कब्जे से मुक्त करने के लिए आवाहन कर रहे हैं।

बौद्ध भिक्षुओं के स्वास्थ्य में लगातार हो रही गिरावट

डॉ विलास खरात ने कहा कि एक तरफ आमरण अनशन की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है तो दूसरी तरफ महाबोधि महाविहार मैनेजमेंट कमेटी का ब्राह्मण महंत किसी भी कीमत पर आंदोलन को खत्म करना चाहता है, इसके लिए वह विभिन्न षडयंत्र कर गलत तरीके अपना रहा है। विलास खरात ने कहा बौद्ध भिक्षुओं का स्वास्थ लगातार गिरता जा रहा है और यदि किसी भी बौद्ध भिक्षु के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए सरकार और महाबोधि महाविहार मैनेजमेंट पर कब्जा करके बैठा ब्राह्मण पुरोहित जिम्मेदार होगा।

महाविहार पर कब्जा करने वाले ब्राह्मण पुरोहित संजय मिश्रा कर रहा षडयंत्र

डॉ विलास खरात ने बताया कि संजय मिश्रा s/o ऋषिपाल मिश्रा खानदानी तौर पर महाबोधि महाविहार पर कब्जा किए हुए है। संजय मिश्रा महाबोधि महाविहार के मुख्य टेंपल में ब्राह्मणी परंपरा के अनुसार घंटा बजाता है। विलास खरात ने बताया कि एक दूसरा पंडा पांच बुद्ध के प्रतिमाओं को पांडव कह रहा है। उस पंडे का नाम संजय कुमार दुबे s/o नारायण दुबे है। एक वीडियो में संजय कुमार दुबे बुद्ध को ही पांडव कह रहा है और महाबोधि महाविहार मैनेजमेंट कमिटी ऐसे लोगों को पोस रही है, उन्हें पैसे दे रही है। विलास खरात ने कहा कि महाबोधि महाविहार मैनेजमेंट कमिटी का ब्राह्मण महंत यह सभी काली करतूतें कर रहा है।
डॉ विलास खरात ने संजय मिश्रा को आड़े हाथों लिया और कहा कि वह भगवान बुद्ध की हजारों मूर्तियां अपने घर में दबाए बैठा है। विलास खरात ने संजय मिश्रा को देशद्रोही भी कह दिया और कहा कि वह देश विरोधी गतिविधि में शामिल है और महाबोधि महाविहार पर कब्जा कर बौद्धों की विरासत को बर्बाद कर विश्व धरोहर को बर्बाद कर रहा है। विलास खरात ने कहा कि संजय मिश्रा पूरी तरह से बौद्ध विरोधी व्यक्ति है जो बौद्ध विरासत पर कब्जा जमाकर बैठा है।

डॉ विलास खरात ने बताया कि महाबोधि महाबिहार पर कब्जा जमाए बैठा संजय मिश्रा आंदोलन को खत्म करने के लिए षडयंत्र कर रहा है, कभी पुलिस को इस्तेमाल करता है और कभी आंदोलन स्थल के सामने फायर ब्रिगेड की गाड़ी लगवा देता है और आंदोलन को बदनाम करने की साजिश भी करता है। उन्होंने कहा कि संजय मिश्रा देशद्रोही और राष्ट्रद्रोही है क्योंकि वह बुद्ध की विरासत को कब्जाकर उसमें ब्राह्मण मंदिर बनाकर उसे बर्बाद करना चाहता है जोकि एक विश्व धरोहर है।
Indus News TV Desk के लिए *संतोष शाक्य* की रिपोर्ट
Santosh Shakya
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संतोष शाक्य Indus News TV के सह-संपादक (Associate Editor) एवं चैनल के उत्तर प्रदेश & उत्तराखंड राज्य प्रमुख (UP/Uttarakhand State Head) हैं। संतोष शाक्य उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी बरेली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। विज्ञान के साथ इतिहास, सामाजिक विज्ञान, राजनीति, धम्म, दर्शन एवं अध्यात्म आदि संतोष शाक्य के पसंदीदा विषय हैं। इसके साथ संतोष शाक्य एक एंटरप्रेन्योर, मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक, विचारक, पत्रकार, Life कोच, आध्यात्मिक शिक्षक भी हैं। जो मोटिवेशन, बिजनेस प्रमोशन, वेलनेस टॉक & Meditation के जरिए लोगों की मदद करते हैं। इसके साथ संतोष शाक्य एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी के संचालक भी हैं। संतोष शाक्य के द्वारा कवर की गयी प्रमुख स्टोरी एवं उनके लेख पढ़ने के लिए आप Indus News TV की वेबसाइट https://www.indusnewstv.com को लॉग-ऑन कर सकते हैं। संतोष शाक्य के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनकी वेबसाइट https://www.santoshshakya.com भी विजिट कर सकते हैं।
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