शहीदे आज़म भगत सिंह के 116वें जन्मदिन को लेकर पाकिस्तान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया है। लाहौर स्थित भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज़ रशीद कुरैशी ने भारतीय दूतावास के जरिए यह पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शहीदे आज़म भगत सिंह और उनके साथ शहीद हाेने वाले राजगुरु व सुखदेव, इसके अलावा उनके साथ असेंबली में बम फेंककर आजादी का संदेश देने वाले बटुकेश्वर दत्त का भारत पाकिस्तान के हुसैनीवाला बॉर्डर के पास सतलुज नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। यह जगह भारत और पाकिस्तान में इन शहीदों के चाहने वालों के लिए तीर्थ के समान है, लिहाजा इस दिन हुसैनीवाला कॉरीडोर को खोलकर वहां आने की अनुमति दी जाए। फाउंडेशन ने यह भी मांग की है कि शहीदे आजम भगत सिंह को नेशनल हीरो का दर्जा देकर भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। (Pakistanis border 28th September)
इस बीच इम्तियाज कुरैशी को लाहौर हाईकोर्ट से एक निराशा भी मिली है। पेशे से हाईकोर्ट अधिवक्ता इम्तियाज़ करैशी ने भगत सिंह और उनके साथियों को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा दी गई फांसी को चैलेंज करके याचिका दायर की है।
उन्होंने ब्रिटिश पीरियड के दस्तावेजों के आधार पर कहा है कि जिस एफआईआर के आधार पर भगत सिंह पर केस चलाकर फांसी दे दी गई, उस एफआईआर में उनका नाम तक नहीं है। तथ्यों के आधार पर शहीदों को बेगुनाह साबित किया जाएगा और ब्रिटिश साम्राज्यवाद से इसका मुआवजा वसूला जाना चाहिए। (Pakistanis border 28th September)
उन्होंने केस की दोबारा सुनवाई करके शहीदों को न्याय देने की अपील की है। इस अपील पर सुनवाई के लिए डबल बेंच के लिए मामला ट्रांसफर किया गया। दस साल तक सुनवाई न होने पर इम्तियाज कुरैशी ने जल्द सुनवाई की अपील की, जिस अब लाहौर हाईकोर्ट ने कहा है कि जल्द सुनवाई का कोई कारण नहीं है।
इम्तियाज कुरैशी ने पाकिस्तान के बंगा गांव में शहीद भगत सिंह के पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर विश्व पर्यटन स्थल बनाने की भी गुजारिश की है। (Pakistanis border 28th September)
एडवोकेट कुरैशी को आमतौर पर लाहौर में भगत सिंह लवर कहा जाता है और कई बार कट्टरपंथी हमले भी हो चुके हैं, लेकिन वह हमेशा ही बेखौफ तरीके दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच भगत सिंह की विचारधारा के आधार पर रिश्तों की हिमायत करते रहे हैं। भारत आकर भगत सिंह प्रेमियों से मिलने की उनकी हसरत वीजा रिजेक्ट होने से पूरी नहीं हो पा रही है।