बरेली: मॉडल टाउन स्थित श्री गुरु नानक रिखी सिंह गर्ल्स इंटर कॉलेज में बहुत ही गंभीर मामला सामने आया है जहां 24.01.2025 को परीक्षा देने के दौरान 11वीं कक्षा की एक छात्रा को मासिक धर्म आ गया और छात्रा ने जब शिक्षिका से सेनेटरी पैड मांगा तो शिक्षिका ने पैड नहीं दिया बल्कि छात्रा को प्रिंसिपल के पास ले गई। छात्र के पिता का आरोप है कि प्रिंसिपल ने छात्रा की मदद करने के बजाय उसको 1 घंटे बाहर खड़ा रखा और 1 घंटे बाद भी उसे सैनिटरी पैड नहीं दिया गया। 1 घंटे बाहर खड़े होने के कारण छात्रा को कपड़े बुरी तरह गंदे हो गए और उसे अपमानजनक स्थिति में घर जाना पड़ा।
छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को बहुत ही शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और वह रोती हुई घर पर पहुंची। इस घटना को लेकर छात्रा के पिता ने डीआईओएस और डीएम को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। छात्रा के पिता ने बताया कि यह बहुत ही दुखद घटना है और वह इस घटना के बाद बहुत ही शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।
क्या बोलीं स्कूल के प्रधानाचार्या रचना अरोरा?
इस मामले को लेकर जब इंडस न्यूज टीवी ने विद्यालय की प्रधानाचार्य रचना अरोड़ा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच कमेटी नियुक्त की गई है और जांच चल रही है उन्होंने बताया कि छात्रा जब उनके पास आई तो उन्होंने सिर्फ उसे 2 मिनट ही रोका था और उसके बाद जाने दिया। उन्होंने बताया कि वह समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम भी करती हैं।
क्या बोले जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार?
बरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत कुमार ने इंडस न्यूज टीवी को बताया कि उनके पास इस तरह की शिकायत आई है और उन्होंने इसमें एक जांच कमेटी बना दी है दो सदस्यीय जांच कमेटी इस घटना की जांच कर रही है। जब हमने उनसे पूछा कि इस तरह की घटनाएं न हो और मासिक धर्म के दौरान यदि छात्रा को स्कूल में मासिक धर्म आता है तो उसको पैड उपलब्ध कराया जाए तो जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इस तरह के प्रोग्राम आयोजित होते रहते हैं और समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं उन्होंने कहा कि आगे भी वह इस पर तेजी से काम करेंगे और विद्यालय के शिक्षकों और छात्राओं को जागरूक करेंगे।
विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों ने इंडस न्यूज का रोका रास्ता
प्रधानाचार्या से बात करने के पश्चात जब इंडस न्यूज़ टीवी ने छात्राओं से बात करने का प्रयास किया तो विद्यालय के कुछ शिक्षक और कुछ कर्मचारी विद्यालय के बाहर पहुंच गए और छात्राओं से बात करने से हमें रोकने लगे। पहले भी एक कर्मचारी के द्वारा हमें प्रधानाचार्या से मिलने के दौरान एक कर्मचारी के द्वारा रोका गया। कर्मचारी और शिक्षकों का रवैया देखकर हमें महसूस हुआ कि जरूर विद्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों को यह जानकारी नहीं है कि मीडिया समाज का दर्पण है और कोई भी घटना की स्थिति की जानकारी लेना मीडिया का अधिकार है।
अभिभावकों में भी नजर आई नाराजगी
विद्यालय की छुट्टी के दौरान जब इंडस न्यूज़ टीवी ने छात्र अभिभावकों से बात की तो अभिभावकों ने इस तरह की घटना को लेकर नाराजगी दर्ज की और अधिकारियों से मांग की कि विद्यालय में सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
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