बरेली बार एसोसिएशन के अधिवक्ता 27 मार्च से बार एसोसिएशन बरेली के कार्यकारिणी अध्यक्ष व सचिव जी के खिलाफ धरने करेंगे अधिवक्ताओं की बहुत सी मांगे है, जिनमें प्रमुख रूप से बार एसोसिएशन को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से संबंधित करवाना व समस्त अधिवक्ताओं को बार काउंसिल की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से लाभान्वित करवाना है (Advocates of Bareilly on Strike)
बीते दिनों इन्हीं मांगो को लेकर बार एसोसिएशन के तेज़ तर्रार अधिवक्ता श्री शंकर कुमार सक्सेना ने लिखित पत्र अध्यक्ष जी को दिया था बरेली बार एसोसिएशन की तरफ से समय मांगा गया था लेकिन 2 माह बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ । अधिवक्ता शंकर कुमार सक्सेना ने बताया है कि “बरेली बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की कथनी और करनी में अंतर , (घोषणा पत्र में गगनचुंबी बातें पर धरातल कुछ भी नहीं ,सचिव जी तीन बार चुनाव जीत चुके है सभी घोषणा पत्रों में एक ही बात बार बार,)”
सचिव श्री वी.पी ध्यानी ने मनमाना तरीका अपनाया हुआ है वे स्वयंभू बन बैठे है , पिछले डेढ़ वर्षों में एक भी आम सभा नहीं हुई,व्याप्त घोटालों पर कोई अंकुश नहीं ,कोई जांच नहीं जबकी उनके पिछले कार्यकाल में CA ने ऑडिट में खामियां पाई इसलिए अपनी वित्तीय अनियमित को छुपाने के लिए पिछले 1साल का कोई ऑडिट नहीं व तमाम अन्य गड़बड़ियां मगर सचिव व अध्यक्ष जी कोई सुध नहीं ले रहे आम अधिवक्ता परेशान है , जिस नेतृत्व को हमने चुनकर भेजा वे अब हम अधिवक्ताओं की ही नहीं सुन रहे ।
इस मौके पर समस्त अधिवक्ताओं ने उनका समर्थन किया जिसमें भूपेंद्र मोहन सहाय एडवोकेट, मनोज चौहान एडवोकेट, आंगन सिंह एडवोकेट, संजय वर्मा एडवोकेट, नितिन जयंत एडवोकेट , कुशल प्रताप एडवोकेट ब अन्य सम्मानित अधिवक्ता मौजूद रहे अधिवक्ताओं ने वकीलों ने बार एसोसिएशन के चुनावी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एल्डर कमेटी को स्वयं चुनाव कराना चाहिए और सचिव व अध्यक्ष के समर्थकों को चुनावी पैनल से हटाया जाना चाहिए। इसके अलावा, बार एसोसिएशन की मतदाता सूची को बार काउंसिल से सत्यापित कराने की मांग भी उठाई गई है। (Advocates of Bareilly on Strike)