आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के सामने अब एक बार फिर मैनपुरी और रामपुर का इम्तिहान है. मैनपुरी में लोकसभा का उप-चुनाव है. जबकि रामपुर सदर सीट पर विधानसभा का. मैनपुरी सीट, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई है, जबकि रामपुर विधानसभा सीट आज़म ख़ान की विधायकी रद्द किए जाने के बाद रिक्त है. (Azam Khan complains people)
पांच दिसंबर को दोनों सीटों पर वोट डाले जाएंगे. समाजवादी पार्टी, जो उप-चुनाव में आज़मगढ़ और रामपुर की अपनी दोनों सीटें गंवा चुकी है. उसके सामने अब मैनपुरी में नेताजी की विरासत वाली लोकसभा सीट और इसी तरह रामपुर में आज़म ख़ान की विरासत वाली विधानसभा सीट बचाने की चुनौती हैं. इन दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा पूरी दमखम के साथ मैदान में है.
पहले बात करते हैं रामपुर की. 27 अक्टूबर को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज़म ख़ान की एक स्पीच को नफ़रती मानते हुए उन्हें तीन साल की सज़ा सुनाई थी. सज़ा सुनाने के चंद घंटों बाद ही 27 अक्टूबर को उनकी विधायकी रद करने, रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया. और बाद में चुनाव आयोग ने यहां चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी. (Azam Khan complains people)
आज़म ख़ान रामपुर से दस बार विधायक रहे हैं. यह पहला मौका है, जब रामपुर सदर सीट पर समाजवादी पार्टी से आज़म ख़ान प्रत्याशी नहीं है. उनके क़रीबी आसिम राजा यहां से चुनावी मैदान में हैं. लोकसभा उप-चुनाव में भी आसिम राजा ही प्रत्याशी थे. आज़म ख़ान बेहद भावुक होकर चुनावी सभाओं को संबोधित करते रहे हैं. सीधे वोट मांगने के बजाय वे रामपुर वालों से अपने दर्द-तकलीफों पर मुखातिब हो रहे हैं.
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उनसे शिकायत कर रहे हैं कि किस बात की उन्हें सज़ा मिल रही है. आसिम राजा के मुकाबले भाजपा ने आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है. आकाश सक्सेना, आज़म ख़ान के धुर विरोधी माने जाते हैं और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने वालों में से एक माने जाते हैं. इसी तरह मैनपुरी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गांव-कस्बे और शहरों को मथ रहे हैं. सपा की स्थापना के बाद से ही मैनपुरी सीट पार्टी के पास रही है. और इसे सपा को अवैध गढ़ माना जाता है. (Azam Khan complains people)
अखिलेश यादव के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जिस तरह से यहां प्रचार-प्रसार में जुटे हैं, वो सपा के लिए इस सीट का महत्व बयान करती है. मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं. जबकि भाजपा से रघुराज सिंह शाक्य मैदान में हैं. यहां भाजपा के 22 नेताओं की निगरानी में प्रचार अभियान चल रहा है. (Azam Khan complains people)
रामपुर और मैनपुरी उप-चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए साख का सवाल हैं, तो भाजपा किसी भी सूरत में समाजवादी पार्टी के इन दोनों गढ़ों को भेदना चाहती है. सपा के लिए ये दोनों सीटें उसके मोरल को मैनटेन रखने के लिए अहम मानी जा रही हैं. क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा उसे चुनावी मैदान में पिछले कुछ अरसे से लगातार शिकस्त देती आ रही है.