फिल्म भीड़ का ट्रेलर आते ही लॉकडाउन के जख्म हरे होते दिखाई दे रहे हैं। क्या-क्या नहीं सहा देश के लोगों ने, खासतौर पर मेहनत मजदूरी करके परदेस में रह रहे लोगों ने। अचानक लॉकडाउन की घोषणा हुई, जैसे नोटबंदी के समय हुई थी और भगदड़ मच गई। कोरोना काल की वो यादें भयावह हैं, जो भीड़ फिल्म में दिखाई जाने वाली हैं। हालांकि, उस समय की तकलीफों के बाद बहुत कुछ नया हो चुका है, घर पहुंचाने के नाम पर भी वोट मांगे जा चुके हैं। (Bheed movie reminded Lockdown)
लोकगायक संजीबा सुबकते हुए गाते रह गए, ‘हम सब याद रखेंगे’। पता नहीं कितना किसको याद रहा, कौन इस याद के बहाने जीना चाहेगा, हजारों लोग तो इस सफर के बीच ही हमेशा को गुजर गए। खैर, ‘भीड़’ के ट्रेलर में जो कुछ भी दिख रहा है, वह अनजाना तो बिल्कुल नहीं है, हम सबकी आंखों देखी है। फिल्म का संदेश क्या होगा, यह तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा। अभी तो विरोध समर्थन का दौर भी शुरू हो सकता है, क्योंकि अब ये राजनीति का फैशन है। (Bheed movie reminded Lockdown)