देश में उथल-पुथल की चर्चाओं के बीच दिनोंदिन फैल रहा पसमांदा आंदोलन पर सबकी नजर नहीं पड़ रही। सांप्रदायिकता की राजनीति के बीच ये ऐसा आंदोलन है, जो बहुलांश मुसलमानों के बारे में एक नई तस्वीर पेश करता है। जिसने बौद्धिक तौर पर एक लकीर खींच दी है, जिससे साफ हो जाए कि कौन इस देश का मुसलमान है, कौन मूलनिवासी मुसलमान है और कौन बाहरी। (Fayaz Ahmed Faizi voice)
मूलनिवासी यानी पसमांदा मुसलमानों के लिए इसमें लगभग वही पैटर्न अपनाया जा रहा है, जो कभी आंबेडकर ने अपनाया था। सोशल मीडिया से लेकर हर मंच पर अपने नजरिए से रूबरू कराने वाले फैयाज अहमद फैजी आंबेडकर जैसी छाया का प्रतिरूप दिखाई देते हैं। ऊंची-जाति के मुसलमान उनको भाजपा-आरएसएस का एजेंट कहकर बदनाम करते हैं, लेकिन वह इस बात का भी मुंहतोड़ जवाब देकर अपने मिशन में जुटे हुए हैं। (Fayaz Ahmed Faizi voice)