कांग्रेस आखिर पनप क्यों नहीं पा रही, जबकि राहुल गांधी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसके अंदाजा सोमवार को नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के जवाबों से स्पष्ट हो गई। यह साफ हो गया कि जब प्रदेश अध्यक्ष का यह अंदाज और स्तर है तो बाकी ढांचे का क्या हाल होगा! (Congress President Ajay Rai)

सोमवार देर रात बरेली पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से विशेष बातचीत में इंडस न्यूज के प्रतिनिध संतोष शाक्य ने कई मुद्दों पर तीखे सवाल किए तो वह बिदक गए। उनसे पूछा गया कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी को आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस क्या सोचती है? तो उन्होंने आरक्षण का समर्थन किया।
जब कहा कि फिर वोट क्यों किया आरक्षण तय हुए बगैर? तो तपाक से बोले, ‘वोट आपसे पूछकर थोड़े ही करेंगे’! इससे आगे अगर पूछ लिया जाता कि किसके पूछकर भाजपा की मंशा पूरी की तो शायद उनका पारा और चढ़ जाता।
इसी तरह अजय राय ने उत्तरप्रदेश के घोसी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी को कांग्रेस के समर्थन को अहसान की तरह जताया और कहा कि उत्तराखंड के बागेश्वर में सपा को भी इसी तरह समर्थन करना चाहिए था। प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन को कोई तवज्जो नहीं दी। जबकि इंडिया गठबंधन की ओर से उप चुनावों में पार्टियों के प्रत्याशी तय हुए। (Congress President Ajay Rai)
यह उनकी जानकारी का अभाव था या ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ जैसा रवैया, उन्हें इस बात का अहसास भी नहीं था कि उत्तराखंड के बागेश्वर में सपा का कोई वोट बैंक नहीं है, जिसके कारण कांग्रेस हार से बच जाती।
सियासत का कच्चापन ही कहा जा सकता है, जब उन्होंने कह दिया कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, जबकि इंडिया गठबंधन ने अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कांग्रेस उत्तरप्रदेश में अपनी पांतों को बुनने की कोशिश कर रही है। इसी मकसद से नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहली बार बरेली पहुंचे थे। यहां उन्होंने जुटने वाली भीड़ को कांग्रेस के मिशन 2024 का हिसाब समझाया। हालांकि, संगठन और भीड़ के अंतर और जैसे तैसे सांस ले रहे संगठन में गुटबाजी को भांप नहीं पाए, या फिर अनदेखा कर दिया। (Congress President Ajay Rai)
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय रविवार देर रात बरेली पहुंचे। दिल्ली से बरेली में प्रवेश के समय स्वागत को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी और महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला अलग अलग जगह पर अपने समर्थकों और चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ मौजूद रहे।
अजय शुक्ला ने झुमका चौराहे पर समर्थक जुटाए तो अशफाक सकलैनी ने बिल्वा चौराहे पर फूलमालाओं का इंतजाम किया। दोनों ही जगह कोई भाव न मिलने पर कई पुराने कांग्रेसी या तो पहुंचे ही नहीं या फिर मायूस होकर लौट आए।
अजय राय ने सर्किट हाउस में रात गुजारी और सुबह को तमाम कांग्रेसी उनसे मिलने वहां पहुंचे। सामान्य कार्यक्रम निपटाकर उन्होंने आईएमए हॉल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और फिर पत्रकारों से रूबरू हुए। प्रेस कांफ्रेंस में मेनस्ट्रीम मीडिया ने बहिष्कार किया, जबकि मुक्त मीडिया से उनके रुख में सवाल पूछने पर तकरीबन वैसा ही अहंकार नजर आया, जैसे सत्ता में बैठे नेताओं में होता है। (Congress President Ajay Rai)
(लेखक Indus News 24×7 के कार्यकारी संपादक हैं)