फतेहपुर के सरस्वती शिशु बाल मंदिर में 12 वीं कक्षा की छात्रा प्रिया ने स्कूल के ड्राइवर व प्रिंसिपल की प्रताड़ना से परेशान होकर 25 सितम्बर को स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गयी थी। प्रिया मौर्य का इलाज कानपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार की देर रात प्रिया जिंदगी से जंग हार गयी। प्रिया की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया(Priya Maurya lost life)
प्रिया सरस्वती शिशु बाल मंदिर में कक्षा 12 की छात्रा थी। छात्रा रोज स्कूल की बस से पढ़ने आती थी। स्कूल बस का ड्राइवर शिवचरण उर्फ़ मामा छात्रा पर गन्दी नजर रखता था व उससे छेड़ छाड़ करता था। छात्रा ने इस बात की शिकायत जब स्कूल के प्रिंसिपल राजकपूर सिंह से की तो , प्रिंसिपल ने ड्राइवर पर एक्शन लेने के बजाय उल्टा छात्रा को डांट दिया। छात्रा ने इस घटना की जानकारी जब परिवारीजनों को दी , परिवार के लोगों ने भी प्रिंसिपल से शिकायत की तब प्रिंसिपल ने उन लोगों से भी गाली गलौज की और धमकी देकर भगा दिया लेकिन बस ड्राइवर शिवचरण पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इस सब क्वे बाद छात्रा प्रिया गुमसुम रहने लगी और आखिर कार तंग आकर उसने अपने ही स्कूल के तीसरे मंजिल से छलांग लगा कर आत्महत्या की कोशिश की(Priya Maurya lost life)
आनन फानन में प्रिया को प्रयागराज के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। जिसके बाद परिवारीजन प्रिया को मृत की आशंका से खागा कोतवाली पहुंचे जहाँ उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल व बस ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा लिखवाने को लेकर हंगामा किया। पुलिस पोस्टमार्टम की कार्यवाही के लिए जब घायल प्रिया की एम्बुलेंस के पास पहुंची तो पुलिस ने पाया की प्रिया की साँसे चल रहीं थी। इसके बाद परिवार के लोग प्रिया को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल के डॉक्टर ने हालत नाजुक देखकर कानपुर रेफर कर दिया। जहाँ शुक्रवार को देर रात प्रिया मौर्या ने आखिरी सांस ली। थाना प्रभारी तेज बहादुर के अनुसार मृतका के पिता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपी बस ड्राइवर शिवचरण को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि प्रिंसिपल राजकपूर सिंह अभी फरार चल रहा है(Priya Maurya lost life)
फिलहाल पूरे प्रदेश में घटना का पुरजोर विरोध हो रहा है। सम्राट सेना के संयोजक रणजीत मौर्य ने लोगों के साथ मिलकर लखनऊ 1090 चौराहे पर घटना के सम्बन्ध में कैंडल मार्च निकाला है। उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है। लोग योगी प्रशासन पर जाति देखकर एनकाउंटर करने के आरोप लगा रहे हैं, लोग योगी शासन को जंगल राज की संज्ञा भी दे रहे हैं। फतेहपुर से सपा विधायक उषा मौर्य भी प्रिया मौर्य के अंतिम संस्कार में पहुंचीं।
आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट कर घटना पर अपना विरोध दर्ज किया।सवर्णों के साथ इस प्रकार की घटना घटने पर तुरंत सक्रिय होने वाली यह सरकार इस मुद्दे पर अभी तक हरकत में नहीं आयी है, न ही परिवार को कोई मुआवजा दिया गया है, न ही सरकार का कोई बड़ा नेता अभी तक पीड़ित परिवार से मिलने आया है। पुलिस प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है।प्रिया मौर्य की प्रताड़ना का यह केस से पिछड़ी जाति के लोग बहुत नाराज़ हैं। लोग योगी सरकार से गुस्सा हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसके सामाजिक राजनैतिक रूप से क्या प्रभाव होंगे।