मुगलकाल के बारे में अक्सर ये प्रचारित होता है कि वह मुसलमानों का स्वर्णकाल था, जबकि हकीकत ये है कि ज्यादातर मुसलमानों के लिए यह उत्पीड़न का काल रहा है। ऊंची जाति के मुसलमानों और ऊंची जाति के हिंदुओं के साथ उस दौर में खास व्यवहार था, जबकि वंचित जातियों के हिंदू और मुसलमानों के लिए बर्ताव अच्छा नहीं था। (The condition Pasmanda Muslim)
वंचित जाति के मुसलमानों को तो शिक्षा से ही महरूम कर रखा था। उन्हें दरबार में भी जगह नहीं दी जाती थी और न ही अच्छा ओहदा। ‘जात पात और मुसलमान’ शीर्षक से किताब लिखने वाले प्रोफेसर मसूद आलम फलाही ने मुगलकाल के हालात पर इंटरव्यू में बताया है, आप भी सुनिए- (The condition Pasmanda Muslim)
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