ये एक ठोस सच्चाई है कि कथित हिंदू धर्म में वर्ण व्यवस्था की धार्मिक स्तर पर मान्यता है और इस आधार पर हजारों जातियां मौजूद हैं। जातिगत भेदभाव भयानक है, जिसमें इंसान को इंसान नहीं समझा जाता। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि मसावात यानी बराबरी की बात करने वाले इस्लाम को मानने वाले मुसलमानों में भी यह भेदभाव उसी स्तर का है। यहां भी बेहिसाब छुआछूत है। (Mixed Poison Eating Muslims)
हलालख़ोर कही जाने वाली मुस्लिम जाति के साथ भेदभाव तकरीबन वैसा ही है, जैसा वाल्मीकि समुदाय के साथ होता है। उनके साथ भेदभाव रखने के लिए कथित इस्लामी विद्वानों ने भी काफी कुछ लिखा हुआ है, जिनमें से कुछ के बारे में हवाला इस वीडियो में भी दिया गया है। दर्शकों से हमारी अपील है कि पूरी वीडियो को गौर से सुनकर कमेंट जरूर करें और चैनल को सब्सक्राइब करने के साथ ही वीडियो को शेयर करें। (Mixed Poison Eating Muslims)