बहुजन समुदाय पूरे देश में जागरुकता के लिए अलग अलग मंचों से प्रचार प्रसार में जुटा है, जिससे संविधान को बचाया जा सके और उसके जरिए हक हासिल हो सकें। इसकी क्रम में बिहार के भागलपुर में 2 अप्रैल को बड़ा आयोजन हुआ। (85 percent reservation Bahujan)
यह तारीख तय करने के पीछे भी वजह थी, क्योंकि इसी तारीख में 2018 को लोग बहुजन समाज सड़कों पर उतरा और ऐतिहासिक एकजुटता का प्रदर्शन किया। देखिए, भागलपुर से इंडस न्यूज के लिए डॉ.सोमनाथ आर्य की रिपोर्ट।
भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था। ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने। 1925 में महात्मा गांधी की अध्यक्षता में कामनवेल्थ ऑफ इण्डिया बिल प्रस्तुत किया। जो भारत के लिए संवैधानिक प्रणाली की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रथम प्रयास था। (85 percent reservation Bahujan)
पहली बार संविधान सभा की माँग सन-1895 में बाल गंगाधरतिलक ने उठाई थी। अन्तिम बार (पाँचवी बार) 1938 में नेहरू जी ने संविधान सभा बनाने का निर्णय लिया था। संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित हुए थे। जिनका चुनाव जुलाई 1946 में सम्पन्न हुआ था।
बँटवारे के बाद कुल सदस्यों (389) में से भारत में 299 ही रह गए। जिनमें 229 चुने हुए थे। वहीं 70 मनोनीत थे। जिनमें कुल महिला सदस्यों की संख्या 15, अनुसूचित जाति के 26, अनुसूचित जनजाति के 33 सदस्य थे। (85 percent reservation Bahujan)
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन में एक सरकार बनी। इस नयी सरकार ने भारत सम्बन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा एक संविधान निर्माण करने वाली समिति बनाने का निर्णय लिया। भारत की स्वतंत्रता के प्रश्न का हल निकालने के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली ने कैबिनेट के तीन मंत्री लॉरेन्स, क्रिप्स, अलेक्जेंडर को भारत भेजा।
मंत्रियों के इस दल को कैबिनेट मिशन के नाम से जाना जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद यह संविधान सभा पूर्णतः प्रभुतासंपन्न हो गई। इस सभा ने अपना कार्य 1 दिसम्बर 1946 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। (85 percent reservation Bahujan)
अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे। सच्चिदानन्द सिन्हा इस सभा के प्रथम सभापति थे। किन्तु बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया। भीमराव अंबेडकर को निर्मात्री समिति का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11माह, 18 दिन में कुल 165 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। (85 percent reservation Bahujan)