ओलंपिक में मेडल लाना आसान है, लेकिन अपने ही देश में इज्जत सम्मान हासिल करना दांतों से लोहे के चने चबाने जैसा है। जंतर मंतर पर गर्मी और मच्छरों के बीच खुले आसमान के नीचे इंसाफ मांगने को मजबूर हुए स्टार रेसलर्स को देखकर तो ऐसा ही लगता है। (WFI President Brij Bhushan)
तमाम मशक्कत के बाद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के दखल पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कर लीं। एक एफआईआर नाबालिग महिला पहलवान के आरोप के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई है, जबकि दूसरी दुष्कर्म पर। भला हो सुप्रीम कोर्ट का, जो इतनी तो लाज रख ली, नहीं तो सॉलिसिटर जनरल की दलीलें तो ऐसी रहीं कि इतना भी नहीं होता।
सॉलिसिटर जनरल का तर्क था कि इस याचिका पर विचार करना अनुचित है क्योंकि पुलिस द्वारा आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के सैकड़ों मामले हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ऐसे सभी लोगों के पास एफआईआर दर्ज करने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना साधन नहीं है। एफआईआर दर्ज न करने से पीड़ित नागरिक को पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट से संपर्क करना चाहिए। (WFI President Brij Bhushan)
देशभर के बेटियों के माता-पिता सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दे सकते हैं। ये अलग बात है कि अधिकांश की हैसियत सुप्रीम कोर्ट की चौखट छूने की भी नहीं है। नेता बन बैठे जरायम की दुनिया के बेताज बादशाहों के आगे पुलिस की घिग्घी बंधी रहती है। निचली अदालतों के आदेशों को अनदेखा करना आम बात है। उन्नाव और हाथरस कांड सबने देखा है।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की गुहार पर एफआईआर दर्ज होना ही काफी नहीं है। टोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस के खराब बर्ताव का आरोप लगाया। इंस्टाग्राम लाइव में उन्होंने कहा- बिजली काट दी गई है, भोजन या पानी की परमीशन नहीं है। पुलिस अब हम पर जंतर मंतर खाली करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। एसीपी कह रहे हैं कि आपको जो करना है कर लें। (WFI President Brij Bhushan)
इससे पहले, विनेश फोगाट ने कहा कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। हम सब परखकर विरोध वापस लेने का फैसला करेंगे। डब्ल्यूएफआई प्रमुख सलाखों के पीछे होना चाहिए।
पहलवानों ने यह भी मांग की है कि सरकार आरोपों की जांच करने वाले पैनल के नतीजों को सार्वजनिक करे। इस पैनल को पहलवानों के तीन दिन के धरने के बाद जनवरी में गठित किया गया था। (WFI President Brij Bhushan)
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।