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Thursday, May 1, 2025
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बरेली: अफसरों की लापरवाही में डीएम ने की कार्यवाही

बरेली: राजस्व वादों और शिकायतों के निस्तारण में अफसर फिर लापरवाह साबित हुए हैं। जनवरी में एसीएम फर्स्ट ने एक भी वाद का काम नहीं निपटाया, नायब तहसीलदार ने भी जनवरी में दर्ज वादों के निस्तारण में रुचि नहीं ली। दोनों अफसरों को चेतावनी जारी कर जवाबतलब किया गया है। बिजली विभाग के प्रथम ग्रामीण खंड के एक्सईएन के खिलाफ आईजीआरएस की शिकायतों के निस्तारण में सर्वाधिक असंतुष्ट फीडबैक मिलने पर अगले आदेश तक वेतन रोक दिया गया है।

डीएम रविंद्र कुमार ने 17 फरवरी को एसीएम फर्स्ट देश दीपक सिंह को चेतावनी पत्र जारी किया है। इसमें 12 फरवरी को की गई समीक्षा बैठक के तथ्यों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जनवरी में धारा-24, धारा 116 के साथ किसी और वाद का भी निस्तारण नहीं किया गया। इन श्रेणियों में क्रमश: 5, 26 और 56 वाद न्यायालय में लंबित हैं। डीएम ने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है कि राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री की निरंतर समीक्षा बैठकों, राजस्व परिषद के निर्देशों और खुद उनके स्तर पर मासिक समीक्षा में निर्देश जारी करने के बावजूद यह लापरवाही क्यों की जा रही है।

नायब तहसीलदार (बल्लिया) राकेश त्रिवेदी को जारी चेतावनी पत्र में मासिक समीक्षा बैठक में 31 जनवरी तक धारा 34 के जनवरी में दायर 90 वादों के सापेक्ष सिर्फ 20 वादों के निस्तारण पर नाराजगी जताई गई है और उनसे भी तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। विद्युत वितरण खंड ग्रामीण प्रथम मनोज कुमार के स्तर पर आईजीआरएस की सर्वाधिक शिकायतें लंबित होने के साथ सर्वाधिक असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर उनका वेतन रोक दिया गया है।

राजस्व परिषद अध्यक्ष के निर्देश पर अपर आयुक्त प्रशासन प्रीति जायसवाल ने मंडल के सभी जिलों के डीएम को चिट्ठी लिखकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार न्यायालयों में उप्र भू-राजस्व अधिनियम की धारा 34/35, धारा 33/39, राजस्व संहिता की धारा 32/38 और धारा 33/35 के वादों के निस्तारण पर निरीक्षण कर नजर रखने का निर्देश दिया है। निरीक्षण आख्या भी मांगी है।

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