कानून विषय में पीएचडी करने वाली उस बला की ख़ूबसूरत लड़की ने जल्द ही कंसल्टेंसी का काम शुरू किया और मैकेंजे एंड कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टेंट बन गयी. हालांकि इस बात के ठोस सुबूत नहीं हैं लेकिन कहा यह भी जाता है कि उसने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की थी. (Crypto Queen Ruja Ignatova)
मैकेंजे एंड कंपनी में काम करने के दौरान ही रूजा इग्नातोवा ने ‘वनक्वाइन’ नाम की क्रिप्टो करेंसी बनायी. इस समय बाजार में बिटक्वाइन क्रिप्टो करेंसी का जलवा शुरू हो चुका था. बिटक्वाइन में निवेश कर लाखों, करोड़ों के वारे-न्यारे कर लेने का दावा करने वालों की कोई कमी नहीं थी. हर कोई क्रिप्टोकरेंसी की लहरों पर सवारी कर लेना चाहता था. जो बिटक्वाइन में निवेश करने की हैसियत नहीं रखते थे वे लगातार दूसरी कम दामों पर मिलने वाली क्रिप्टो की तलाश करते रहते जिन्हें कुछ ही सालों में आसमान छू लेना था.
ठीक इसी दौर में रूजा ने वनक्वाइन क्रिप्टो बना लेने का दावा सेमिनारों तक में किया. लोगों को उनके दावों में सच्चाई लगी और छोटे निवेशकों इस ओर आकर्षित हुए. रूजा इग्नातोवा ने कई सेमिनार किये और ‘वनक्वाइन’ को लेकर उनके दावों की धूम मचते देर नहीं लगी. रूजा खुद को क्रिप्टो क्वीन बताती थीं और अपनी क्रिप्टो करेंसी को ‘बिटक्वाइन किलर.’
साल 2014 से 2017 के बीच ‘वनक्वाइन’ ने चार अरब डॉलर इकठ्ठा करने में कामयाबी पायी, ऐसा अमेरिकी प्रशासन के आंकड़े बताते. जबकि कुछ सूत्र इस रक़म के 1200 करोड़ डॉलर यानि 90 हजार करोड़ रुपये तक होने का दावा करते हैं.
रूजा खुले मंचों पर अपनी करेंसी को प्रमोट करतीं, यहां तक कि कॉन्फ्रेंस, सेमिनार तक में इसमें निवेश के फायदे बताया करतीं.
एक रोज रूजा ने दुनिया भर के निवेशकों को एक पैकेज में निवेश का न्यौता दिया. पैकेज वनक्वाइन की माइनिंग में इन्वेस्ट करने का था. इस समय करेंसी का कोई ब्लॉकचेन और डिजिटल लेजर तक नहीं था. बस एक वेबसाइट इसके दामों में बढ़ोत्तरी को दिखाया करती. रूजा का करिश्मा ऐसा था कि लोगों ने इस पर धड़ल्ले से निवेश किया. अब तक वनक्वाइन की गड़बड़ियाँ भी सामने आने लगी थी. रेगुलेटर्स ने इसके घपला होने का अंदेशा जताना शुरू कर दिया था. इस वक़्त तक रूजा 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त कर चुकी थी.
फिर वह दिन भी आया जिसके बारे में निवेशकों ने कभी नहीं सोचा था लेकिन रेगुलेटर्स आशंकित थे. ‘वनक्वाइन’ के बारे में अपनी बात रखने के लिए अक्टूबर 2017 को रूजा को लिस्बन आना था. कार्यक्रम में उनका बेसब्री से इन्तजार हो रहा था लेकिन वे वहां नहीं पहुंची. उसके बाद रूजा कभी कहीं नहीं दिखाई दीं.
रूजा साल 1980 में बुल्गारिया के सोफिया में पैदा हुईं. वे 10 साल की थीं जब उनका परिवार जर्मनी चला गया. साल 2005 में रूजा ने कोंस्ताज यूनिवर्सिटी से लॉ में पीएचडी की उसके आगे की कहानी आप जानते ही हैं.
निवेशकों से 4 बिलियन डॉलर झटककर गायब हो जाने वाली रूजा पर धोखाधड़ी के कई मुकदमे हैं. उनके भाई समेत कई बिचौलियों पर आरोप तय किये जा चुके हैं लेकिन क्रिप्टोक्वीन का अत-पता नहीं है. अरबों डॉलर समेटकर फरार हो चुकी इस बाला को एफबीआई ने 10 मोस्ट वांटेड की सूची में रखा है और कई मुल्कों की पुलिस रूजा के पीछे है.
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