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Wednesday, April 30, 2025
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बरेली: पुलिस की सूझबूझ से साइबर ठगी से बचा डॉक्टर

रिपोर्ट – मनोज कुमार मौर्य, रिपोर्टर, बरेली

बरेली: साइबर अपराधों की नई और खतरनाक रणनीतियां लगातार लोगों को निशाना बना रही हैं, लेकिन बरेली की पुलिस ने अपनी तेज़ कार्रवाई और सूझबूझ से एक डॉक्टर की जिंदगी और उनकी मेहनत की कमाई को बचाने में बड़ी कामयाबी हासिल की। “डिजिटल अरेस्ट” नामक साइबर अपराध की एक खतरनाक चाल का शिकार बने डॉक्टर नजबुल हसन को थाना बारादरी पुलिस ने न केवल सुरक्षित बचाया, बल्कि उनके बैंक खाते से 50 लाख रुपये की ठगी को भी विफल कर दिया।
शनिवार को डॉक्टर नजबुल हसन, जो बरेली के सूफीटोला इलाके में अपनी डिस्पेंसरी चलाते हैं, अचानक लापता हो गए। उनके भतीजे इमरान खान ने पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीक को इस घटना की जानकारी दी। डॉक्टर का फोन बंद होने और संदिग्ध परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर को एक फोन कॉल आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनका आधार कार्ड हवाला कारोबार में इस्तेमाल हो रहा है। कॉल करने वाले अपराधियों ने उन्हें धमकाया कि यदि वे इससे बचना चाहते हैं, तो तुरंत अपने बैंक दस्तावेजों के साथ किसी होटल में शिफ्ट हो जाएं और किसी को भी इसकी जानकारी न दें। पुलिस ने तुरंत डॉक्टर के फोन की लोकेशन ट्रेस की, जो पीलीभीत बाईपास स्थित होटल कंट्री इन पर मिली। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि डॉक्टर ने होटल का कमरा बुक किया था और दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने सूझबूझ दिखाते हुए आग लगने की अफवाह फैलाई, जिससे डॉक्टर ने घबराकर दरवाजा खोल दिया। कमरे के अंदर डॉक्टर को अपराधियों द्वारा निर्देशित किया जा रहा था कि वे किसी से बात न करें। डॉक्टर नजबुल हसन ने बताया कि अपराधियों ने उनसे उनके बैंक खातों की जानकारी ले ली थी और वे अब डिजिटल कोड और आईएफसी कोड मांग रहे थे। लेकिन पुलिस ने समय पर उनकी योजना को विफल कर दिया और डॉक्टर के खाते में जमा 50 लाख रुपये को सुरक्षित रखा।
इस घटना ने साइबर अपराधियों की नई और खतरनाक चालों को उजागर किया है। बरेली पुलिस ने आम जनता को आगाह किया कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर तुरंत सतर्क हों और निजी जानकारी साझा करने से बचें। डॉक्टर और उनके परिवार ने बरेली पुलिस की इस सराहनीय कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। पुलिस अधीक्षक (नगर) मानुष पारीक और थाना बारादरी पुलिस की सूझबूझ ने बड़ी ठगी और संभावित नुकसान से न केवल एक परिवार को बचाया, बल्कि यह घटना पूरे समाज के लिए एक चेतावनी और प्रेरणा भी बन गई। किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। तुरंत पुलिस को सूचित करें। साइबर अपराधों के प्रति सतर्क और जागरूक रहें। बरेली पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने साबित किया कि सतर्कता और तत्परता से बड़े से बड़े अपराध को रोका जा सकता है। यह घटना जनता को सतर्क रहने और साइबर अपराधियों के मनोवैज्ञानिक जाल में न फंसने की सीख देती है।

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