हज़ारीबाग़ का मुसलमान दर्ज़ी बना रहा राम मंदिर का झंडा
डॉ. सोमनाथ आर्य
रांची। राम इस धरती पर सबसे ज्यादा पूजे वाले भगवान में से एक हैं। वो एक ऐसे भगवान हैं, भगवान भी हैं और राजा भी। वो एक ऐसे राजा हैं, जो राजा भी हैं और संत भी। वो संतो के राजा हैं… और राजाओं के संत। वो मां को दिया पिता का वचन निभाने के लिए 14 साल के लिए वन चले जाते हैं। वो राज ऐसे छोड़ देते हैं। जैसे कि कुछ छोड़ा ही न हो। वो राज ऐसे पाते हैं जैसे कि कुछ पाया ही न हो। उनके अलावा कौन ऐसा होगा जिसे राज जाने का कोई दुख ही न हो। उनके अलावा कौन ऐस होगा। जिसे राज पाने का कोई अभिमान न हो। जो वन में भी वनवासी हैं और जो सिंहासन में भी वनवासी हैं। जो सूर्यवंशी राजकुमार होकर भी। खुद को ऋषि का दास बताता हो ‘नाथ संभुधनु भंजनिहारा, होइहै कोउ एक दास तुम्हारा… इसी मर्यादा की रक्षा के लिए वो युगों योगों तक मर्यादा पुरुषोत्तम बन गए। तभी तो युगांत बीतने के बाद वो हमारे दिल में है, अंतर्मन में हैं। अयोध्या में राम मंदिर का नया स्वरूप आ गया है। लेकिन श्री राम जो हम सबके पालन हार हैं और कृपानिधान हैं, वो सबरी के झूठे बेर से हमें आज भी नफरत और वैमनस्य का सन्देश दे रहे हैं, तभी तो रामराज्य की कल्पना से अभिभूत कुछ नफरती उफान से बीच अपना झारखण्ड धार्मिक और मजहबी प्रेम और शांति का पैगाम देने में जुटा है। श्री राम अगर धार्मिक वोट का केंद्र बन गए तो झारखण्ड के हजारीबाग के गुलाम जिलानी राजनैतिक नफरत के बीच प्रेम और शांति के प्रतीक। वे कुरआन भी पढ़ते है, दुआ और सलाम भी पेश करते हैं, सजदा के लिए उनका सर झुकता भी है तो मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के लिए उनकी आस्था भी गहरी है। तभी तो वे अयोध्या के श्री राम मंदिर में बनने वाले मंदिर के लिए झंडा भी बनाते हैं। वे नफरत से परे उन धागों को सिलकर वह झंडा बनाते है, जिस पर श्री राम लिखा होता है, जिलानी का परिवार पिछले 3 पीढ़ी से हजारीबाग में भगवान हनुमान का झंडा बना रहे हैं। इनका बनाया हुआ झंडा सिर्फ हजारीबाग ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आपसी सौहार्द का मिसाल पेश करता है, गुलाम जिलानी भी तीन पीढ़ियों से उनके साथ जुड़े हुए हैं। पिछले कई बर्षों से जिलानी के हाथ में श्री राम समा चुके हैं। (Muslim Making the flag of Ram Mandir)
गुलाम जिलानी पिछली तीन पीढ़ी से हनुमान झंडा बना रहे हैं. अयोध्या में जो झंडा जा रहा है उसे भी गुलाम जिलानी ने बड़ी शिद्दत के साथ बनाया है। उनका भी कहना है कि जब यह झंडा अयोध्या में लहराएगा तो हजारीबाग के राम भक्तों का सीना चौड़ा हो जाएगा। बड़े ही शिद्दत और मोहब्बत से झंडा बनाया गया है। उनका यह भी कहना है कि भले ही समाज हिंदू और मुस्लिम में बंट रहा है लेकिन हजारीबाग हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

अयोध्या के ध्वजारोहण में हजारीबाग का झंडा
अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। बहुत जल्द ही उस ध्वज को अयोध्या लेकर यहां से राम भक्त निकलेंगे। बड़ी बाजार के वीर वस्त्रालय में झंडा का निर्माण कराया जा रहा है। वीर वस्त्रालय पिछले 50 सालों से झंडा बनाने का व्यवसाय कर रहा है। तीन पीढ़ी के लोग इसमें लगे हुए हैं। इस दुकान की खासियत यही है कि झंडा गुलाम जिलानी बना रहे हैं। वे भी इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि उनका बनाया हुआ झंडा अयोध्या में लगने वाला है। वे बताते हैं कि हजारीबाग की पहचान रामनवमी जुलूस से है। भगवान श्री राम का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। 48 घंटा तक जुलूस सड़क पर रहता है। लाखों राम भक्त नाचते गाते श्री राम का जन्मोत्सव मानते हैं। उसी धरती से ध्वज बनकर अयोध्या जा रहा है. जो राम भक्तों के लिए भी गर्व की बात है। (Muslim Making the flag of Ram Mandir)
झंडा बनाने में 115 मीटर लगा है कपड़ा
गुलाम जिलानी बताते हैं झंडा बनाने में 115 मीटर कपड़ा लगा है. इसमें दो मूर्ति बनाए गए हैं. एक मूर्ति बजरंगबली की है जो 6 फीट की है. दूसरी 4 फीट की मूर्ति भगवान श्री राम लक्ष्मण और बजरंगबली की है। जिसे आकर्षक रूप से सजाया गया है। बताया जाता है कि इस झंडे को लगाने के लिए 100 फीट से ऊंचे बांस की आवश्यकता पड़ेगी। जिलानी कहते नहीं अघाते कि हजारीबाग की रामनवमी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और वहां का बना हुआ झंडा अयोध्या पहुंच रहा है। ऐसे में यह खुशी और श्रद्धा की प्रतीक है।
खुद झंडा लेकर अयोध्या जाने वाले नवल किशोर खंडेलवाल
40 फीट लंबा, 42 फीट चौड़ा झंडा बनाने का ऑर्डर नवल किशोर खंडेलवाल ने दिया है। नवल किशोर खंडेलवाल 81 वर्ष के है। वे खुद झंडा लेकर अयोध्या जाने वाले है। नवल किशोर खंडेलवाल बताते हैं कि जब बाबरी मस्जिद ढहाने के लिए कार सेवक निकले थे तो रास्ते में ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 3 महीने तक हजारीबाग सेंट्रल जेल में रखा गया था। आज राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है और भगवान श्री राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जी रही है. ऐसे में खुशी का ठिकाना नहीं है। जिसके लिए उन लोगों ने लड़ा था वह सपना आज पूरा हो रहा है। (Muslim Making the flag of Ram Mandir)
(डॉ. सोमनाथ आर्य इंडस न्यूज के सह संपादक हैं, इसके अलावा झारखंड व बिहार के प्रमुख हैं।)