पहला भारतीय अंग्रेजी लेखक: असग़र वजाहत
15 जनवरी 1794 को शेख दीन मोहम्मद की पुस्तक ‘द ट्रेवल्स ऑफ डीन महोमेट’ नामक पुस्तक प्रकाशित हुई थी और वे अंग्रेजी में पुस्तक प्रकाशित करने वाले पहले भारतीय लेखक बन गए थे। (The Travels of Dean Mahomet)
उन्होंने1770 से 1775 के बीच अपने अनुभवों का वर्णन बंगाल सेना के एक कर्मचारी के रूप में किया है। उन्होंने कोलकाता (कलकत्ता) और वाराणसी (बनारस) सहित कुछ प्रमुख शहरों के विवरण के साथ कुछ सैन्य संघर्षों का वर्णन भी किया गया है। पुस्तक में भारतीय संस्कृति, व्यापार, सैन्य संघर्ष, भोजन, वन्य जीवन आदि का भी विवरण है। पुस्तक का समापन ब्रिटेन में महोमेट के सितंबर 1784 में डार्टमाउथ पहुंचने पर होता है।
शेख दीन मोहम्मद का जन्म मई 1759 में पटना शहर में हुआ था। वे एक बंगाली मुस्लिम परिवार से थे। उनके पिता ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना में सेवा में थे। जब मोहम्मद लगभग 11 साल के थे तब एक युद्ध में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद, कैप्टन गॉडफ्रे इवान बेकर ने उनका पालन पोषण किया था। वे 1782 तक कैप्टन बेकर के साथ रहे थे। जब कैप्टन ने इस्तीफा दे दिया तो वे कैप्टन साथ आयरलैंड आ गए थे।
1784 में बेकर परिवार ने उन्हें कॉर्क आयरलैंड के एक स्थानीय स्कूल में दाखिल कर दिया था जहां जेन डेली नाम की एक लड़की से उन्हें प्यार हो गया जो “सम्मानजनक माता-पिता की सुंदर आयरिश लड़की” थी। डेली परिवार उनके रिश्ते का विरोध कर रहा था क्योंकि उस समय प्रोटेस्टेंट के लिए गैर-प्रोटेस्टेंट से शादी करना अवैध था, इसलिए 1786 में शेख दीन मोहम्मद ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था।और उनका नमम सैक डीन महोमेट हो गया था। (The Travels of Dean Mahomet)
1810 में, लंदन जाने के बाद, सैक डीन महोमेट ने इंग्लैंड में पहला भारतीय रेस्तरां खोला था जो जॉर्ज स्ट्रीट में “हिंदोस्तान कॉफी हाउस” के नाम से पोर्टमैन स्क्वायर सेंट्रल लंदन के पास था। रेस्तरां ने खाने के अलावा हुक्का, असली चिलम तंबाकू भी पेश किया जाता था।
1814 में मोहम्मद और उनका परिवार ब्राइटन वापस चला गया था और उन्होंने इंग्लैंड में पहला भारतीय मालिश और स्नान गृह, “महोमेट बाथ” खोला था। (The Travels of Dean Mahomet)