इमरान ख़ान सरकार में कद्दावर मंत्री रहे फवाद चौधरी ने गिफ्तारी होने पर शहीद भगत सिंह का नाम अपने साथ जोड़े जाने का पाकिस्तान के शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन ने कड़ा विरोध किया है। फाउंडेशन के चेयरमैन व लाहौर हाईकोर्ट के अधिवक्ता इम्तियाज़ कुरैशी एडवोकेट ने कहा कि फवाद चौधरी शहीद भगत सिंह की पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। (Arrested Imran Minister Fawad)
उन्होंने कहा, फवाद चौधरी ने तो महज गिरफ्तारी पर माफ़ीनामा लिख दे दिया, जबकि क्रांतिकारी भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु व सुखदेव घोर यातनाओं के बावजूद आख़िर तक अपने बयान और लक्ष्य पर डटे रहे और फांसी के फंदे से झूल गए। वो चाहते तो माफ़ी मांगकर अंग्रेजी सरकार के आगे घुटने टेक देते, लेकिन उनका मकसद भ्रष्टाचार और अहंकार नहीं था, बल्कि वे देश के आम लोगों की आवाज़ थे और मुक्ति योद्धा थे।
उन्होंने तो माफ़ी मांगने की जगह ब्रिटिश सरकार से यह तक कह दिया कि हमें गोली से उड़ा दिया जाए, क्योंकि हम मुक्ति संग्राम के योद्धा होने के नाते युद्ध बंदी हैं। फाउंडेशन चेयरमैन इम्तियाज़ कुरैशी ने सवाल किया, फवाद चौधरी क्या हैं? अपशब्द कहकर गिरफ्तार होने वाले एक मामूली नेता, जो अपनी हुकूमत के कार्यकाल में बेलगाम तरीके से काम करते रहे, जिन्हें जनादेश तक की परवाह नहीं रही। (Arrested Imran Minister Fawad)
आज उनको शहीद-ए-आज़म भगत सिंह याद आ रहे हैं, जबकि उनकी सरकार के समय हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शादमान चौक को भगत सिंह चौक नहीं बनाया गया। भगत सिंह से प्रभावित ही हैं फवाद चौधरी तो सिलेबस में कोई पन्ना ही जुड़वा देते अपने कार्यकाल में। इम्तियाज़ कुरैशी ने कहा, भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन की यह कामयाबी है, जो आज सरकार में रहे या मौजूद लोग भी भगत सिंह को याद कर रहे हैं।
जबकि एक दिन वह भी था, जब भगत सिंह की शहादत को याद करने पर फाउंडेशन के चंद कार्यकताओं पर अंडे-टमाटर फेंके गए। आज फाउंडेशन सीना तानकर लाहौर में बैठकें सभाएं करते हैं और भगत सिंह तेरी सोच पर पहरा देंगे ठोक के नारा बुलंद करते हैं। यहां बता दें, भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन हर साल शहीदे आजम के जन्मदिन और शहादत दिवस पर कार्यक्रम करता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। (Arrested Imran Minister Fawad)

फाउंडेशन पाकिस्तान के बंगा गांव में मौजूद भगत सिंह के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के साथ ही दोनों देशों की सरकारों से अपने मुल्कों में सर्वाेच्च सम्मान देने की मांग भी कर चुका है। जबकि चेयरमैन इम्तियाज़ कुरैशी भगत सिंह के उस केस पर दोबारा सुनवाई के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं, जिस केस में उनको फांसी दी गई।
उनका कहना है कि जिस एफआईआर के आधार पर ब्रिटिश पीरियड में भगत सिंह के खिलाफ मुकदमा चला, उस एफआईआर में उनका नाम ही नहीं था। उनका कहना है कि इस मामले की दोबारा सुनवाई करके भगत सिंह को अपराध से बरी किया जाए और ब्रिटिश सरकार पर जुर्माना डाला जाए। (Arrested Imran Minister Fawad)
आवश्यक हो तो भारत और पाकिस्तान की सरकारें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाकर ब्रिटिश सरकार पर इस मामले को लेकर मुकदमा दायर करे इम्तियाज़ कुरैशी कहते हैं कि दोनों देशों के बीच अच्छे पड़ोसी के रिश्ते शहीदे आज़म के विचारों के आधार पर ही कायम हो सकते हैं।