कल रिलीज हुई नेटफ्लिक्स की ताजा रिलीज डाक्यूमेंट्री का नाम है ‘इंडियन प्रीडेटर : द डायरी ऑफ ए सीरियल किलर,’ यह ‘इंडियन प्रीडेटर’ सीरीज का दूसरा भाग है. यह एक ऐसे साइको किलर की कहानी है; 13 क़त्ल करने के बाद भी जिस पर किसी को रत्ती भर शक नहीं हुआ. इस शख्स का नाम था राम निरंजन, जो खुद को राजा कोलंदर कहता था यानि कोलो का राजा. दुनिया में कोई उसे उसके असली नाम से जानता भी नहीं था. राजा कोलंदर ये हत्याएं इसलिए करता था कि वह मारे गए व्यक्ति के दिमाग़ को उबालकर उसका पानी पीकर उसकी दिमागी शक्तियां हासिल कर ले. (Diary of a Serial Killer)
एक पत्रकार की हत्या ने खोला राज
साल 2000 में इलाहाबाद के एक होनहार पत्रकार लापता हो गए. ये पत्रकार खनन माफियाओं पर नकेल कसती खबरों के लिए जाने जाते थे. उस दिन वे अपनी गर्भवती पत्नी को डॉक्टर के पास ले जाने की बात कहकर इलाहाबाद के पास ही अपने गांव गए थे. जब वे 2 दिन तक नहीं लौटे तो तीसरे दिन दोस्तों ने उनके घर फोन किया. वहां से पता लगा कि धीरेन्द्र तो घर पहुंचे ही नहीं. खनन माफिया द्वारा धीरेन्द्र की हत्या की आशंका से सभी पत्रकार सशंकित हो गए और पुलिस पर दबाव बनाया. मामला एक पत्रकार की हत्या का था तो पुलिस ने इस पर त्वरित कार्रवाई करनी शुरू की. शुरुआती जांच में पता लगा कि धीरेन्द्र मोबाइल रखते थे, जो कि उस जमाने में बहुत दुर्लभ था. उनके एक दोस्त ने जब मोबाइल का रिकॉर्ड निकलवाया तो उनके मोबाइल से 2 कॉल हुई थीं. जिनमें से एक राम निरंजन उर्फ़ राजा कोलंदर के घर पर की गयी थी जो कि गांव में धीरेन्द्र का पड़ोसी था.
एक सीरियल किलर की डायरी
पुलिस की जांच में कोलंदर के घर से एक डायरी मिली जिसमें धीरेन्द्र का नाम 14 नंबर पर लिखा हुआ था. जब हत्यारे से पूछताछ की गयी तो इन हत्याओं का वह सच सामने आया कि पूरा देश हिल गया.
उसके दिमाग़ में थी एक अपनी दुनिया
दरअसल हत्यारा खुद के ही दिमाग़ में बनी मायावी दुनिया में कोलों का राजा था. उसने 2 लोगों की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी कि उसे लगा उसके पास गाड़ी होनी चाहिये. एक ब्राह्मण की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी कि वह पंडितों की खाने की शक्ति देखने के लिए उसकी आंत मापना चाहता था. दूसरी हत्या इसलिए कि एक गैर ब्राह्मण की आंत नापकर दोनों आँतों की तुलना कि जा सके. एक आदमी ने उसे बोला कि वह वशीकरण विद्या जानता है तो उसे इसलिए मार दिया कि उसका भेजा उबालकर पीने के बाद उसे उसकी दिमागी शक्तियां हासिल हो जाएँगी.
वह अपनी मायावी दुनिया का न्यायाधीश था
वह खुद को कोलों का राजा समझता था तो उसने राजा कोलंदर नाम रख लिया. अदालत और जमानत अपने बेटों के नाम रखे तो बेटी का आन्दोलन. उसने अपनी पत्नी का नाम दस्यु सुंदरी फूलन के नाम पर फूलन देवी रखा और उसे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया और जिताया भी.
अपराध की यह कहानी के एक साइकोलॉजिस्ट और एक एन्थ्रोपोलोजिस्ट के विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करते हुए कोलंदर की दिमागी परतों को प्याज की तरह छीलकर दर्शकों के सामने परोसा गया है.
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‘इंडियन प्रिडेटर’ का यह दूसरा भाग है जो पहले पार्ट ‘द बुचर ऑफ दिल्ली’ की तरह कमजोर नहीं है. बुचर ऑफ दिल्ली में अपराधी चंद्रकांत झा के मनोविज्ञान को समझने की कोशिश कहीं नहीं थी. इस भाग में विशेषज्ञों के साथ आप अपराधी के मनोविज्ञान को बहुत बेहतर तरह से समझ लेते है.
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