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Wednesday, April 30, 2025
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खूबसूरती और जवानी बरकरार रखने के लिए कुंवारी लड़कियों के खून से नहाने वाली रानी

यूरोप के एक छोटे से देश हंगरी की रहने वाली एलिजाबेथ बाथरी को दुनिया की सबसे क्रूर और वहशी महिला सीरियल किलर के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है. साल 1558 से 1610 के बीच बाथरी ने 600 से ज्यादा लड़कियों की हत्या कर उनके खून से नहाया. (Serial Killer Elizabeth Bathory)

कहानी कई दशकों पुरानी है जब हंगरी का राजा था किंग मथायस, द्वितीय. इसी साम्राज्य के शाही परिवार का हिस्सा था बाथरी परिवार. हंगरी के सभी महान योद्धा इसी परिवार से थे.

फ्रेंक नैडस्डी भी बाथरी परिवार का एक योद्धा था. फ्रेंक नैडस्डी की ही पत्नी थी एलिजाबेथ बाथरी. फ्रेंक तुर्कों साथ हुए युद्ध का नायक भी था. इसी वजह से इस परिवार को राजा द्वारा रहने के लिए एक बड़ा सा महल भी दिया गया था. राजपरिवार की ही तरह बाथरी परिवार के आदेश को टालना भी हंगरी की प्रजा के लिए नामुमकिन था. इसी बात का फायदा उठाकर एलिजाबेथ बाथ कुंवारी लड़कियों को अपने महल में बुलाती और बेरहमी से उनका क़त्ल कर देती. एलिजाबेथ इन लड़कियों के खून को बाथटब में भरकर घंटों उसमें नहाया करती थी. दरअसल उसका मानना था कि ऐसा करने से वह हमेशा जवान और खूबसूरत बनी रहेगी और उसकी उम्र काफी लम्बी होगी. गजब की बात ये है कि उसने इस काम के लिए बाकायदा नौकर रखे हुए थे और उसके पति को इस कारनामे की भनक तक नहीं थी.

पति के जिंदा रहते एलिजाबेथ इस काम को संभलकर किया करती थी लेकिन साल 1604 में पति फेरेंक नैडस्डी की मौत के बाद वह बेलगाम होकर और बड़ी हैवान बन गयी. अब वह इन लड़कियों को यातना देने लगी. पहले वह सिर्फ कुंवारी लड़कियों को मारकर उनके खून से नहाया करती थी. अब वह उन्हें तड़पाती थी. लड़कियों को जंजीर से बाँधने के बाद उनके शरीर को गर्म लोहे से दाग देती. कभी उनके चेहरे और छातियों को चबाती. बर्फीले पानी से उन्हें नहलाती. उनके बदन पर कुछ मीठा लगाकर चीटियों को काटने के लिए छोड़ देती. उसकी यातनाओं की तुलना शैतानों से भी नहीं की जा सकती.

आखिर कई सालों बाद उसका भांडा तब फूटा जब उसने अमीर लड़कियों को अपना शिकार बनाना शुरू किया. दरअसल पहले वह गरीब किसानों की बेटियों को ही अपने महल में बुलाया करती थी. जो भी लड़की उसके महल में जाती फिर कभी नहीं लौटती. धीरे-धीरे इस रहस्यमयी राज का प्रचार चारों तरफ हो गया. अब गरीब लोग अपनी बेटियां उसके महल में भेजने से कतराने लगे. तब उसने धनी परिवार की महिलाओं को भी महल में बोलाना शुरू कर दिया. समय के साथ कुछ लड़कियां उसकी यातना के बाद भागकर आने में भी कामयाब हुई.

धनी परिवारों को एलिजाबैथ का उतना डर था नहीं तो उन्होंने हंगरी के राजा से इस बात की शिकायत की. हिम्मत पाकर कुछ गरीब परिवारों ने भी मथायस, द्वितीय को अपनी बेटियों के महल में जाने के बाद वापस न आने की शिकायत की.

राजा ने इसकी जांच के लिए अधिकारी की नियुक्ति कि और जांच शुरू हो गयी. जांच शुरू होने का साल था 1610. जांच में पाया गया कि एलिजाबेथ ने महल में भूमिगत कमरे बनाये हुए हैं जहां बेड़ियों से जकड़ी कुंवारी लड़कियों की लाशें अभी भी लटक रही थीं. कुछ जिंदा लड़कियां भी बाँधी मिली.

शाही सेना ने एलिजाबेथ और उसके तीन नौकरों को गिरफ्तार कर लिया गया. जांच के बाद तीनों नौकरों को फांसी की सजा सुनाई गयी लेकिन एलिजाबेथ को ताउम्र एक कमरे में कैद रखने की सजा दी गई . क्योंकि राजपरिवार की होने की वजह से उसे मौत की सजा नहीं दी जा सकती थी.

21 अगस्त 1614 को कैद किये जाने के 4 साल बाद एलिजाबेथ ने दम तोड़ा. तब तक वह 650 से ज्यादा कुंवारी कन्याओं की हत्या करने के बाद उनके खून को बाथटब में भरकर नहा चुकी थी. (Serial Killer Elizabeth Bathory)

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