दुनिया के मोस्ट वांटेड लोगों की सूची में शामिल है ब्रिटेन की समांथा लुईस ल्यूथवेट जिसे शेरिफिया ल्यूथवेट उर्फ़ ‘व्हाईट विडो’ के नाम से भी जाना जाता है. समांथा दुनिया की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में टॉप पर है इन पर 400 लोगों की हत्या का आरोप है. (Dangerous Women Samantha Lewthwaite)
समांथा ल्यूथवेट पैदा हुईं 1983 में. इनके पिता ब्रिटिश आर्मी में सिपाही रहे. समांथा नॉर्थ आयरलैंड में पैदा हुईं और फिर उनका परिवार इंग्लैंड में चला आया. 1994 में उनके माता-पिता का तलाक हो गया इस तलाक ने समांथा को बुरी तरह प्रभावित किया. उसने पाया कि पड़ोसी मुस्लिम परिवार मजबूती से बंधे हुए हैं. सो पारिवारिक उथल-पुथल के बाद मुस्लिम पारिवारिक इकाइयों के प्रभाव में आई समांथा 17 साल की उम्र तक इस्लाम ग्रहण करने के नतीजे पर पहुंच गयीं. अमेरिका के इराक पर हमले के दौरान लंदन में विरोध प्रदर्शन में भागीदारी करते हुए उसकी मुलाकात जर्मेन लिंडसे से हुई. मुलाकात प्यार में बदली और 2002 में दोनों ने शादी रचा ली.
जर्मेन लिंडसे सोमालिया के आतंकी संगठन ‘अल-शबाब’ से जुड़ा हुआ था. कुछ समय बाद समांथा ने भी वह संगठन ज्वाइन कर लिया. 7 जुलाई 2005 को लंदन में आतंकी हमले हुए. ये हमले अंडरग्राउंड ट्रेन और एक बस में हुए जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थ. जर्मेन लिंडसे आत्मघाती हमलावर के तौर पर किंग क्रॉस और रसेल स्क्वायर स्टेशनों के बीच ट्रेन में सवार था. इस समय समांथा अपने दूसरे बच्चे के साथ 8 माह की गर्भवती थी. उसका बेटा 14 महीने का था और वह बेटी को जन्म देने वाली थी. समांथा ने हमले के छह दिन बाद हेल्पलाइन में फोन कर अपने पति के लापता होने की सूचना दी.
जांच के दौरान पुलिस को लिंडसे के घर पहुंची. वहां समांथा ने अपने पति के किसी भी संगठन में शामिल होने की जानकारी से साफ इनकार कर दिया. उसने कहाँ कि वाह इस तरह के आतंकी हमले की भर्त्सना करती हैं और उसकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. उसने कहा कि इससे पहले उसे अपने पति के किसी भी तरह की गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी नहीं थी, वह बस एक अच्छा पति और पिता था. तलाशी में पुलिस को घर से काफी मात्र में आतंकी सामान और बम बनाने का सामान भी मिला.
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समांथा एक अश्वेत ब्रिटिश की जो कि पत्नी थी जिसने उसी की तरह इस्लाम कबूल कर लिया था, जबकि वह खुद एक आयरिश गोरी थी तो मीडिया ने उसे ‘द व्हाइट विडो’नाम दे दिया.
क्योंकि पुलिस की पूछताछ से समांथा काफी चौंकी हुई दिखी और उसने हमले से खुद को पूरी तरह अनजान दिखाया इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया.
कुछ समय बाद वह केन्या चली गई और ‘अल-शबाब’ के साथ खुले तौर पर जुड़ गई. कई नामों का इस्तेमाल कर फर्जी पासपोर्टों के सहारे वह अफ्रीका के कई अन्य देशों में भी गई. 2012 में मोम्बासा में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई फुटबॉल फैन मारे गए. इस हमले के पीछे समांथा का ही शामिल होना बताया जाता है. इसके अलावा उस पर केन्या के अपने घर में भी बम बनाने का सामान और हथियार रखने का आरोप है.
मोम्बासा हमले के बाद समांथा के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया. तभी से केन्या और ब्रिटेन की पुलिस उसकी तलाश में है. सैंकड़ों देशों को उसकी जानकारी दी गयी है लेकिन समांथा को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है. 2014 समांथा को रूसी स्नाइपर द्वारा मार दिए जाने की खबर उडी जिसे सिर्फ अफवाह पाया गया. इंटेलिजेंस को जानकारी मिली कि वह जिंदा है. ब्रिटिश पुलिस को संदेह है कि समांथा अभी केन्या या सोमालिया में सक्रिय है. (Dangerous Women Samantha Lewthwaite)